" मन की शांति कब होती है "
" नाराज़ ज़िन्दगी से और नाराज़ मत हो ज़िन्दगी को समझ कर तो देख ज़िन्दगी अच्छी लगेगी "
मन की शांति कब होती हैं ! यह तो किसी को नहीं
पता पर मन को अशांति कैसे होती है यह सबको पता है जीना तब आसान होता है जब शांति होती है मगर शांति को छोड़कर हम सबने अशांति को अपना लेते हैं। कभी सोचा है ! नहीं ना तो अब सोचो ।
मन की अशांति क्यों होती है ?
चीजों कि कीमत किसी इंसान को कब समझ आती है जब ना हो और जब होता है तो अशांति होती है । कभी सोचा है ! नहीं ना तो अब सोचो ।
जीवन में हम कामयाब क्यों नहीं होते हैं ?
यह सोच कर नहीं होते कि वह चार लोग क्या कहेंगे और वहीं चार लोग मारने के बाद राम राम करने आते है । कभी सोचा है ! नहीं ना तो अब सोचो ।
भरोसा क्यों नहीं होता है ?
भरोसा करना किसी पर इतना मुश्किल क्यों होता है क्यों कि अपने पर भरोसा नहीं होता पहले अपने पर कर के देखो तभी तो किसी और पर करोगे । कभी सोचा है ! नहीं ना तो अब सोचो ।
" मंजिले इतनी आसान नहीं होते जितना हम सोचते है अगर आसान हो जाए तो वह मंजिले नहीं होती "
समस्या क्यों आती है ?
जब हम अपनी गलतियों से भागते है और यह सोचते है ये गलती उसकी है जब अपनी गलतियों का कारण किसी ओर को मानते हैं । तब समस्या आती है और मन की अशांति आती है
कभी सोचा है ! नहीं ना तो अब सोचो।
मेरे साथ ही क्यों बुरा होता है ?
आज कल की ज़िन्दगी में हम सभी सोचते है कि यह " मेरे साथ ही क्यों बुरा होता है " वह इसलिए होता है कि हमरी आने वाली ज़िन्दगी अच्छी हो सके ओर आज कि चीजे कल को काम आ सके । इसको एक उदाहरण से समझते है :-
कोई चीज़ हम कभी यूं ही खरीद लेते है ओर बाद में ये सोचते है ये चीजें मैंने क्यों खरीद ली है पर कुछ दिनों बाद इन चीजों की जरूरत पड़ती है और वह काम आती हैं वैसे ही हमरा जीवन है आज की होने वाली चीजे कल को काम आती हैं
ज़िन्दगी में खुश रहना है ना तो एक बात याद रखना यहां तुम्हारे रोने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है ।
" इन आंसुओ को यूं ना बहने दो इसकी कीमत तुम क्या जानो ये दुनिया वालों इसको यूं ना जाया करो "
कभी सोचा है ! नहीं ना तो अब सोचो ना ।
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